इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया तन्हाई एक ऐसी सजावट है जो हमें खुद से मिलाती है, غزل: بلکتے بچوں کو جا کے دیکھوں بِلکتے بچوں کو جا کے دیکھوں، بے گور لاشے اُٹھا کے دیکھوں “मैंने तो हमेशा ही तुझसे महोब्बत की है, दोहरी शक्सियत https://youtu.be/Lug0ffByUck