हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की सत गुरु सैट कबीर लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अमुक ग्राह्यार्थे सर्व जगत् हितकारिणी सर्वदुःख निवारिणी सर्व व्याधि नाशिनी नमो नमः स्वाहा॥ बांध इन्द्र की बांध तारा, बांधू बिद लोही की धारा, उठे इन्द्र न https://hanumanshabharmantra06887.blogproducer.com/42910124/top-वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए-secrets